बसों में खिड़कियों की जगह गेट होंगे ,
जिनमे लटकेगी भारी भीड़ ,
इक्कीसवी सदी कुछ ऐसी होगी |
बी.ए .,एम .ए पास बनेगे चपरासी
कितने ही ग्रेजुएट देंगे ख़ुद को फासी
माँ बेटे को नही नॉकरी को रोयेंगे |
इक्कीसवी सदी कुछ ऐसी होगी |
हर वाहन को इंसानों से खीचकर चलाया जाएगा ,
जब पेट्रोल से सस्ता इन्सान यहा मिल जाएगा ,
भीड़ होगी वहा सबसे ज्यादा ,पेट्रोल की बहुतायत होगी ,
इक्कीसवी सदी कुछ ऐसी होगी |
जानवरों के पिंजरे में इन्सान रहा करेंगे ,
जानवर तो उस समय सपनो में दिखा करेगे ,
देखकर जड़ किसी पेड की यह अंदाज़
लगाया जाएगा की यहा पर कभी
जंगल की जमी रही होगी
इक्कीसवी सदी कुछ ऐसी होगी |
1 comment:
शायद कही एक उम्मीद भी हो किसी कोने में .....
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