Monday, July 21, 2008

दोस्ती ...


चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी"><span title=चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी" title="चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी" border="0">

दोस्ती गजल है , गुनगुनाने के लिए

दोस्ती नगमा है , सुनाने के लिए

ये वो जज्बा है , जो सबको नही मिलता

क्योकि होसला चाहिये , दोस्ती निभाने के लिए

दोस्ती होती नही , दोस्तों का दिल दुखाने के लिए

बल्कि दोस्ती तो होती है , दोस्तों के जज्बात को समजने का लिए

और अपनी जान बचाने के लिए

क्योकि दोस्ती तो होती है , दोस्तों पर जान लुटाने के लिए

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