Monday, July 21, 2008

आज के स्नातक ........

मै बी. ऐ. पास हूँ
बकरिया चराता हू ,
दूध होता है बकरियों का
जनता को भैस का कहकर पिलाता हू
मै सबसे ज्यादा कमाता हू

मै एम. बी. बी.एस. पास हू
प्राइवेट क्लीनिक चलाता हू
दवा के बहाने चूने की गोलिया खिलाता हू
मै सबसे ज्यादा कमाता हू

मै बी .कॉम. पास हू
फाइनेंस कंपनी चलाता हू
दो वर्षो मे दो गुना धन देने का वादा कर
धन इकठ्ठा होते ही फरार हो जाता हू
मै सबसे ज्यादा कमाता हू

मै एम. सी. ऐ. पास हू
सॉफ्टवेर डेवलप करता हू
"गूगल " पर विश्वास करता हू
"कट", "कॉपी" , "पेस्ट" करता हू
मै सबसे ज्यादा कमाता हू

मै अंगूठा छाप हू (नेता)
कोई पत्र भी आ जाए तो दुसरो से पढ़वाता हू
मै सिर्फ़ शब्द जाल से
जनता को उल्लू बनाता हू
मै सबसे ज्यादा कमाता हू । ।

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मेरे विचार

  • इतना नर्म भी न बनो की कोई तुम्हे निचोड़ ले
  • इतना गर्म भी न बनो की कोई तुम्हे छू भी न सके
  • इतना सीधा भी न बनो की तुम्हारा मजाक उडाया जाए
  • इतने टेढे भी न बनो की कोई तुमसे बात करने में कतराए
  • इतने आशावान भी न बनो की निराशा सह न सके
  • इतना प्यार भी न करो की कोई तुम्हारे प्यार से कतराए
  • इतने ज्यादा भी न बोलो की कोई तुम्हे सुन न सके
  • इतने कम भी न बोलो की तुम्हे मूर्ख समझा जाए


दोस्ती ...


चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी"><span title=चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी" title="चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी" border="0">

दोस्ती गजल है , गुनगुनाने के लिए

दोस्ती नगमा है , सुनाने के लिए

ये वो जज्बा है , जो सबको नही मिलता

क्योकि होसला चाहिये , दोस्ती निभाने के लिए

दोस्ती होती नही , दोस्तों का दिल दुखाने के लिए

बल्कि दोस्ती तो होती है , दोस्तों के जज्बात को समजने का लिए

और अपनी जान बचाने के लिए

क्योकि दोस्ती तो होती है , दोस्तों पर जान लुटाने के लिए

Wednesday, July 16, 2008

इक्कीसवी सदी ऐसी होगी


बसों में खिड़कियों की जगह गेट होंगे ,

जिनमे लटकेगी भारी भीड़ ,

इक्कीसवी सदी कुछ ऐसी होगी |

बी.ए .,एम .ए पास बनेगे चपरासी

कितने ही ग्रेजुएट देंगे ख़ुद को फासी

माँ बेटे को नही नॉकरी को रोयेंगे |

इक्कीसवी सदी कुछ ऐसी होगी |

हर वाहन को इंसानों से खीचकर चलाया जाएगा ,

जब पेट्रोल से सस्ता इन्सान यहा मिल जाएगा ,

भीड़ होगी वहा सबसे ज्यादा ,पेट्रोल की बहुतायत होगी ,

इक्कीसवी सदी कुछ ऐसी होगी |

जानवरों के पिंजरे में इन्सान रहा करेंगे ,

जानवर तो उस समय सपनो में दिखा करेगे ,

देखकर जड़ किसी पेड की यह अंदाज़

लगाया जाएगा की यहा पर कभी

जंगल की जमी रही होगी

इक्कीसवी सदी कुछ ऐसी होगी |





Tuesday, July 15, 2008

यकीन....

यकीन
एक गाव में सूखा पड़ा |गाव वालो ने तय किया की वे सब एक दिन खुले मैदान में इक्ट्ठे होकर बारिश के लिए प्रार्थना करेंगे | जिस दिन सब एकत्रित हुए उस दिन सिर्फ़ एक लड़की छाता लेकर आई |
इसे कहते है यकीन .....




भरोसा
एक साल के बच्चे को जब आप उसे हवा में उछालते है ,
तो वह हँसने लगता है क्योकि उसे पता होता है कि आप उसे थाम लेंगे |
ये है भरोसा ......




उम्मीद
व्यक्ति पानी के बिना40 दिन , हवा के बिना 8 मिनट तक जीवित रह सकता है पर उम्मीद के बिना एक सेकंड भी जीवित नही रह सकता |
तो जरुरी है उम्मीद .....







Monday, July 14, 2008

होंसला : the encourage



मेढकों का एक झुण्ड जंगल में घुमने निकला |सैर करते -करते दो मेढ़क एक गहरे गड्ढे में गिर गये |बाहर खड़े उनके दोस्तों ने गड्ढे में झाका | उन्हें लगा की कितनी भी कोशिश क्यो न की जाए ,उनका बाहर निकल पाना नामुमकिन है | वे गड्ढे में फसे मेढकों से कहने लगे की हाथ -पैर मारने का कोई फायदा नही ,तुम किसी भी कीमत पर नही बच पाएंगे | वह गड्ढा उनके लिए मोंत का गड्ढा साबित होगा | दोनों मेढकों ने उन्हें अनसुना कर दिया और बाहर निकलने की भरसक कोशिश करते रहे |बाहर से झाकते मेढ़क उनके न बच पाने की बात दोहराते जा रहे थे | आखिरकार एक मेढ़क निराश हो गया उसने बाहर निकलने की आस छोड़ दी और मर गया |
दूसरा मेढ़क अब भी बाहर निकलने की कोशिश में बराबर जुटा था | कुछ देर बाद वह गड्ढे से बाहर था | बाहर निकलते ही उसने सबसे पहले अपने मित्रो को धन्यवाद दिया |मेढ़क कुछ समझ नही पाए | उसने उन्हें बताया कि वह बहरा है और जब वह बाहर आने के लिए लड़ रहा था तब उन्हें सुन तो नही पा रहा था | लेकिन वह भलीभाति समझ रहा था कि वे सब उसे बाहर आने के लिए प्रोत्साहित कर रहे थे ..


सबक - आपके मुह से निकले शब्द किसी का होंसला बुलंद या पस्त कर सकते है इसलिए हमेशा सकारात्मक बोले

Friday, July 11, 2008

एक रात मैने एक सपना देखा...


चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी
एक
रात मैने एक सपना देखा मै समुद्र के किनारे भगवान के साथ चल रहा हू और आसमान में मुझे बीती जिंदगी के द्रश्य दिखाई दे रहे है हर द्रश्य में मुझे दो जोड़ी पाँव के निशान रेत में नजर आए एक मेरा और एक भगवान का
जब मेरी जिंदगी का आखिरी दृश्य मेरे सामने आया तो मैने पीछे मुड़कर देखा कि कई बार मेरी जिंदगी के मार्ग पर केवल एक जोड़ी पाँव के निशान ही थे मुझे यह भी अहसास हुआ कि यह मेरी जिंदगी के सबसे कठिन और कमजोर समय में ही हुआ था इस बात ने मुझे विचरित कर दिया और मैने भगवान से इस विषय में प्रशन किया ,"हे भगवान " आपने तो कहा था कि एक बार यदि मै आपके बताये मार्ग पर चलने को ठान लू तो आप पूरे रास्ते में साथ देंगे ,किंतु मै देख रहा हु कि मेरी जिन्दगी के सबसे कठिन पलो में केवल एक जोड़ी पाँव के निशान ही है मुझे यह समझ में नही रहा है कि जब मुझे आपकी सबसे अधिक आवश्यकता थी तभी आपने मुझे अकेला क्यों छोड़ दिया ?

भगवान
ने उत्तर दिया "वत्स मै तुम्हे बहुत प्यार करता हू परीक्षा और दुःख के पलों मे तुम्हे कभी भी अकेला नही छोड़ सकता जब भी तुमने एक जोड़ी पाँव के निशान देखे ,यह वही समय था जब मै तुम्हे उठाकर चल रहा था "

Thursday, July 10, 2008

तारे जमीन पर


चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी
जीवन को उत्कर्ष की ओर ले जाने के लिए एक उत्तम लक्ष्य अति आवश्यक है उत्तम लक्ष्य वाले मनुष्य का जीवन भी उत्तम होता है उठो.......जागो ......वर्तमान क्षण ही शुभ मुहूर्त है अपनी बिखरी हुई शक्तियों को संचित करके अपनी और देश की उन्नति का पथ प्रशस्त करो




अपने आप को चन्द्रमा की भांति नही एक तारे की तरह बनाओ क्योकि आसमान चन्द्रमा के बिना तो सुन्दर है लेकिन तारों के बिना नहीं

वक़्त नहीं


चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी
हर
खुशी है लोगों के दामन में
पर एक खुशी के लिए वक़्त नहीं
दिन रात डूबती दुनिया में
जिन्दगी के लिए वक़्त नहीं
माँ की लोरी का अहसास तो है
पर माँ को माँ कहने का वक़्त नहीं
सारे रिश्तो को तो हम मर चुके
अब उन्हें दफ़नाने का भी वक़्त नहीं
आखों में है नींद बड़ी
पर सोने का वक़्त नहीं
दिल है गमो से भरा हुआ
पर रोने का वक़्त नहीं
फैशन की दुनिया में ऐसे डूबे की
थकने का भी वक़्त नहीं
पराये अहसासों की भी क्या क़द्र करे
जब अपने सपनो के लिए वक़्त नहीं
तू ही बता दे जिंदगी ,इस जिंदगी का क्या होगा
कि हर पल मरने वालो को
जीने के लिए भी वक़्त नहीं ...

Wednesday, July 9, 2008

कुछ अजीबोगरीब सत्य


चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी
  • सर्वोतम दिन - आज
  • सबसे उपयुक्त समय - अभी
  • सबसे बड़ा पाप - भय
  • सबसे खतरनाक वस्तु - घ्रणा
  • सबसे बुरी भावना - इर्ष्या
  • सबसे बड़ी आवश्यकता - सामान्य ज्ञान
  • सबसे बड़ी बाधा - अधिक बोलना
  • सबसे बड़ी भूल - समय की बर्बादी
  • सबसे विस्वसनीय मित्र - आपका अपना हाथ
  • सबसे बड़ा शिषक - जो आपको सिखने की प्रेरणा दे
  • सबसे बुद्धिमान व्यक्ति - जो वह करे जिसे वह स्वयं ठीक समझे
  • सबसे सरल काम - दूसरों की त्रुटि निकालना
  • सबसे बड़ा दिवालिया - जिसने अपना उत्साह खो दिया
  • सबसे भाग्यशाली व्यक्ति - जो अपने काम में सलग्न
  • सभी धर्मो का निचोड़ - सच्चाई , ईमानदारी
  • सर्वोतम भाषा - आपकी अपनी हिन्दी

Tuesday, July 8, 2008

सद्चरित्र मतलब उज्जवल भविष्य


चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी
युवाओ को अपने किसी भी लक्ष्य को साधने के लिए जितनी आवश्यकता मानसिक या शारीरिक श्रम की होती है ,कैरियर निर्माण में उतना ही योगदान चरित्र का होता है ईमानदारी ,परिश्रम ,लगन ,सहनशीलता ,दूसरों के सहयोग करने जैसे गुंणों के मिश्रण से एक चरित्रवान व्यक्तित्व का निर्माण होता है साथ ही चरित्र का निर्माण एक दिन की प्रक्रिया नही है यह व्यक्ति का वह आवश्यक गुण है जो धीमी गति के साथ व्यक्ति के अन्दर विकसित होता है अच्छा चरित्र ही अच्छे कैरियर का मार्ग प्रशस्त करता है
और आप अनुभव करेगे की ऐसे चरित्रवान लोगों की संगति सभी चाहते है उनका अनुसरण सभी करते है और उनके होने से आस -पास के लोगों में भी एक नई ऊर्जा का संचार होता है और उस जगह चारों ओर प्रगति और उन्नति की बहार होती है स्वामी विवेकानंद जी ने इसी शक्ति से सभी को प्रभावित किया था और इस शक्ति को अपने अन्दर विकसित करके आप भी अपने हर मुकाम को हासिल करने का मार्ग प्रशस्त कर सकते है .

Monday, July 7, 2008

समय की महता


चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी

समय और तूफान किसी की प्रतीक्षा नही करते यदि फसल सूख जाए तो फ़िर कितनी भी वर्षा क्यो न हो ,सब व्यर्थ होती है समय पर किया गया प्रयास ही सफलता दिलाया करता है हर कार्य अपने समय पर पूरा होता है वृक्ष में फल आने का एक निश्चित समय होता है अगर कोई माली चोगुनी सिचाई करने लगे तो फल जल्द नही आ जायेगे वे तो अपनी ऋतु आने पर ही आयेंगे अतः धर्यपूर्वक समय सारणी बनाकर प्रयत्न करने से मनुष्य को सफलता प्राप्त होती है
कहा भी गया है कि दस हजार गुजरे कल ,आज की बराबरी(वर्तमान) नही कर सकते हैं

Sunday, July 6, 2008

फूलों की वफ़ा


चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी
- इन्सान को गुलाब के उस फूल की तरह होना चाहिए जो उसे मसलकर फ़ेक देने वाले हाथो में खुशबु महकाता रहे
- फूल और काटे इन्सान ख़ुद अपनी राहों में बिछाता है और दुसरो को इल्जाम देता है
- खुश कलामी यानी अच्छे बोल ऐसे फूल है जो कभी नही मुरजाते
- अगर वफ़ा सीखनी है तो फूलों से सीखो जो पोधों से जुदा होते ही मुरजा जाते है
- खुशी के फूलों को ज्यादा मत सूंघो वरना उनसे गमो का रस टपकने लगेगा
- जिंदगी एक फूल है और मोह्बत उसकी खुशबू
- जिंदगी उस फूल का नाम है जो खिलकर मुरजा जाते है
- बूढा आदमी बरगद का पेड़ है जो छोटों को छाया देता है
जवान इन्सान फूलदान दरख्त है जो कमाता खिलाता है
लेकिन बच्चा फूल के मानिन्द है जिसे देखकर सभी को खुशी मिल सकती है

होंसले


चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी
होंसले को तुम खुद से कभी जुदा ना करना

हारकर कभी भी तुम कोशिशे कम ना करना
एक दिन तुम्हारा होगा , ये एतबार करना
उस वक़्त का तुम, सब्रः से इंतज़ार करना

Wednesday, July 2, 2008

अनमोल वचन, Great Thoughts


चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी
1 जो जरुरी है उससे शुरू करे, फ़िर जो मुमकिन है वह करे और,
आप अचानक पाएंगे कि आप नामुमकिन तैयारी भी करने लगे है
2 अध्ययन हमें आनंद प्रदान करता है अलंकृत करता है,
और योग्यता प्रदान करता है
3 यदि आप आलसी हो , तो अकेले मत रहो ,
यदि आप अकेले हो , तो आलसी मत रहो
4 आत्मविश्वास संसार में विजय प्राप्त करने की कुंजी यदि आत्मविश्वास होगा ,
तो सफलता स्वयम आकर कदमो को चूम लेगी
5 हर दिन , हर सप्ताह , हर मास , हर वर्ष आपको ईश्वर प्रदत एक नया अवसर है
6 कल उठने की आशा पर सोया हुआ ,
कोई भी आज तक नही जाग सका
7 अवसर को खो देना ,सफलता को खो देना है
8 अच्छी तरह सोचना बुद्धिमानी है और अच्छी तरह काम को पुरा करना उससे भी अच्छी बुद्धिमानी है

9 सभी पुस्तको से अध्ययन हमें ऐसे करना चाहिये , जैसे मदुमक्खी फूलो को बगेर नुकसान पहुचाकर उनका रस चूस लती है