- इतना नर्म भी न बनो की कोई तुम्हे निचोड़ ले
- इतना गर्म भी न बनो की कोई तुम्हे छू भी न सके
- इतना सीधा भी न बनो की तुम्हारा मजाक उडाया जाए
- इतने टेढे भी न बनो की कोई तुमसे बात करने में कतराए
- इतने आशावान भी न बनो की निराशा सह न सके
- इतना प्यार भी न करो की कोई तुम्हारे प्यार से कतराए
- इतने ज्यादा भी न बोलो की कोई तुम्हे सुन न सके
- इतने कम भी न बोलो की तुम्हे मूर्ख समझा जाए
Monday, July 21, 2008
मेरे विचार
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment