Tuesday, July 8, 2008
सद्चरित्र मतलब उज्जवल भविष्य
युवाओ को अपने किसी भी लक्ष्य को साधने के लिए जितनी आवश्यकता मानसिक या शारीरिक श्रम की होती है ,कैरियर निर्माण में उतना ही योगदान चरित्र का होता है ईमानदारी ,परिश्रम ,लगन ,सहनशीलता ,दूसरों के सहयोग करने जैसे गुंणों के मिश्रण से एक चरित्रवान व्यक्तित्व का निर्माण होता है साथ ही चरित्र का निर्माण एक दिन की प्रक्रिया नही है यह व्यक्ति का वह आवश्यक गुण है जो धीमी गति के साथ व्यक्ति के अन्दर विकसित होता है अच्छा चरित्र ही अच्छे कैरियर का मार्ग प्रशस्त करता है
और आप अनुभव करेगे की ऐसे चरित्रवान लोगों की संगति सभी चाहते है उनका अनुसरण सभी करते है और उनके होने से आस -पास के लोगों में भी एक नई ऊर्जा का संचार होता है और उस जगह चारों ओर प्रगति और उन्नति की बहार होती है स्वामी विवेकानंद जी ने इसी शक्ति से सभी को प्रभावित किया था और इस शक्ति को अपने अन्दर विकसित करके आप भी अपने हर मुकाम को हासिल करने का मार्ग प्रशस्त कर सकते है .
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