Friday, July 11, 2008

एक रात मैने एक सपना देखा...


चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी
एक
रात मैने एक सपना देखा मै समुद्र के किनारे भगवान के साथ चल रहा हू और आसमान में मुझे बीती जिंदगी के द्रश्य दिखाई दे रहे है हर द्रश्य में मुझे दो जोड़ी पाँव के निशान रेत में नजर आए एक मेरा और एक भगवान का
जब मेरी जिंदगी का आखिरी दृश्य मेरे सामने आया तो मैने पीछे मुड़कर देखा कि कई बार मेरी जिंदगी के मार्ग पर केवल एक जोड़ी पाँव के निशान ही थे मुझे यह भी अहसास हुआ कि यह मेरी जिंदगी के सबसे कठिन और कमजोर समय में ही हुआ था इस बात ने मुझे विचरित कर दिया और मैने भगवान से इस विषय में प्रशन किया ,"हे भगवान " आपने तो कहा था कि एक बार यदि मै आपके बताये मार्ग पर चलने को ठान लू तो आप पूरे रास्ते में साथ देंगे ,किंतु मै देख रहा हु कि मेरी जिन्दगी के सबसे कठिन पलो में केवल एक जोड़ी पाँव के निशान ही है मुझे यह समझ में नही रहा है कि जब मुझे आपकी सबसे अधिक आवश्यकता थी तभी आपने मुझे अकेला क्यों छोड़ दिया ?

भगवान
ने उत्तर दिया "वत्स मै तुम्हे बहुत प्यार करता हू परीक्षा और दुःख के पलों मे तुम्हे कभी भी अकेला नही छोड़ सकता जब भी तुमने एक जोड़ी पाँव के निशान देखे ,यह वही समय था जब मै तुम्हे उठाकर चल रहा था "

2 comments:

रंजू भाटिया said...

बहुत ही प्रेणादायक कहानी है यह ...हम विश्वास खो देते हैं पर ईश्वर हमारा साथ नही छोड़ता

राज भाटिय़ा said...

वाह क्या बात हे धन्यवाद