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दोस्ती गजल है , गुनगुनाने के लिए
दोस्ती नगमा है , सुनाने के लिए
ये वो जज्बा है , जो सबको नही मिलता
क्योकि होसला चाहिये , दोस्ती निभाने के लिए
दोस्ती होती नही , दोस्तों का दिल दुखाने के लिए
बल्कि दोस्ती तो होती है , दोस्तों के जज्बात को समजने का लिए
और अपनी जान बचाने के लिए
क्योकि दोस्ती तो होती है , दोस्तों पर जान लुटाने के लिए
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